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वहीं ज़मीन कैसे भूल सुकून मिलता हैं सकता हूँ हम और वो छप्पर शाम वो और मैं पैसा रोज घर हिंदी कविता सब कुछ मैं देख पसीना खरीद ओर सुबह रात सकता

Hindi वहीं खरीद सकता Poems